कौन है वास्तु पुरुष| क्यों लगता है वास्तु दोष

कौन है वास्तु पुरुष| क्यों लगता है वास्तु दोष

घर में वास्तु दोष 

क्या आपके घर में किसी न किसी तरह की पैसे की तंगी, बीमारियां, लड़ाई झगड़ा, और घर में अशांति का माहौल रहता है तो समझ जाए की आपके घर में जरूर वास्तु दोष है। यदि आपके घर में वास्तु दोष है तो आपके घर में हमेशा बीमारियां, गृह कलेश, पैसे की कमी, काम में रुकावट, किसी सदस्य की अकाल मृत्यु आदि परेशानियां बन सकती है। वास्तु दोष क्या होता है, चलिए बताते है।


Vastu Purush 

वास्तु दोष का कारण वास्तु पुरुष को माना जाता  है, वास्तु पुरुष को मकान या भवन का देवता भी माना जाता है, यदि आपके घर का ढांचा या बनावट वास्तु शास्त्र के नियम और वास्तु पुरुष के अनुकूल नहीं है तो इससे वास्तु पुरुष आपसे नाराज हो जाता है और आपको तरह तरह के कष्ट देता है, 

वास्तु पुरुष असल में कौन है ?

वास्तु पुरुष का जन्म भगवान शिव के पसीने से हुआ था, जब भगवान शिव अंधकासुर नाम के असुर के साथ युद्ध कर रहे थे तब उनके मुख पर से पसीने की एक बूंद जमीन पर गिरती है, जिसमे से एक विशाल असुर का जन्म होता है इस विशाल असुर को ही आगे चलकर वास्तु पुरुष कहा गया है। जब देवताओं ने देखा की यह वास्तु पुरुष सृष्टि को कष्ट पहुंचाएगा तो सभी देवता उसी युद्ध करने के लिए गए लेकिन भगवान शिव का अंश होने के कारण वह जीव अत्यधिक शक्तिशाली था। इसलिए सभी देवता जब उस जीव को हरा नहीं पाए तो वे समाधान के लिए ब्रह्मा जी के पास गए, तब ब्रह्मा जी ने देवताओं को बताया की इस असुर को भूमि पर औंधे मुंह गिरा दो जिससे इसको पराजित किया जा सकता है, ब्रह्मा जी द्वारा दिए गए इस उपाय के बाद सभी देवता वास्तु पुरुष को जमीन पर औंधे मुंह गिरा कर उसपर खड़े हो जाते है।

भवन में नीचे औंधे मुंह रहते है वास्तु पुरुष 

जब वास्तु पुरुष जमीन पर औंधे मुंह गिरा तो उसका मुख उत्तर पूर्व की तरफ हो गया और उसके पैर दक्षिण पश्चिम की ओर हो गए । जब वास्तु पुरुष ने ब्रह्मा जी से निवेदन किया तो ब्रह्मा जी ने उसे वरदान दिया की हे, वास्तु पुरुष, आज से तुम हमेशा ऐसे ही रहोगे और किसी भी भवन के निर्माण से पहले तुम्हारी पूजा करना जरूरी होगा, और मैं तुम्हारे लिए वास्तु शास्त्र के नियमों की रचना करता हूं। जो देवता तुम्हारे ऊपर खड़े हुए है वे हमेशा तुम्हारे साथ ही रहेंगे। आज के बाद यदि कोई भी भवन या इमारत वास्तु शास्त्र के नियमो के अनुरूप नहीं होगा तो वह तुम्हारे कोप का भाजन बनेगा। माना जाता है की तब से लेकर आज तक 40 से अधिक देवता एक भवन में ढांचे में वास्तु पुरुष के साथ ही निवास करते है।

उसी समय से पृथ्वी पर बनाए जाने वाले किसी भी भवन, इमारत, बगीचे, आदि में पहले वास्तु शास्त्र के अनुसार देखकर ही बनाया जाता है। यदि कोई भी व्यक्ति इसको अनदेखा करता है तो वास्तु पुरुष उसके घर में अनेक प्रकार की बाधाएं उत्पन्न करता है । यदि आप भी कभी किसी प्रकार का निर्माण कार्य करवाना चाहते है तो वास्तु शास्त्र के नियमों के अनुसार ही अपने निर्माण कार्यों को पूरा कीजिए।

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