बीमा का महत्त्व, बीमा क्या होता है, बीमा कितने प्रकार का होता है,
कैसे काम करता है या बीमा की प्रक्रिया
Insurance - Meaning, Importance, types & Process
बीमा का महत्त्व ( Importance of Insurance )हर व्यक्ति के जीवन में आर्थिक उतार चढाव आते रहते है जोकि उस व्यक्ति के आर्थिक तथा वित्तीय हालातो पर प्रभाव डालते है। एक व्यक्ति का जीवन बहुत सी आकस्मिकताओं से घिरा रहता है जिससे निपटने के लिए वह व्यक्ति बीमा कंपनी का सहारा लेता है। यदि एक व्यक्ति यह देखता है की भविष्य में उसके घर परिवार को वित्तीय जोखिमों से गुजरना पड़ सकता है तो वह व्यक्ति अपने भविष्य में होने वाले किसी भी जोखिम का बिमा करवा लेता है। उदाहरण के लिए :-
यदि मोहनलाल को लगता है की उसके परिवार में उसके मरने के बाद कोई जिम्मेदार सदस्य नहीं तो वह अपना जीवन बिमा करवाकर अपने परिवार को उसकी मृत्यु के बाद होने वाली पैसे की दिक्कत को पहले ही निजात दिला सकता है और यदि किसी भी व्यक्ति को उसकी किसी संपत्ति के अचानक नुकसान का भय रहता है तो वह भी उस सम्पति का बिमा करवा कर अपने वित्तीय जोखिम से सुरक्षा कर सकता है।
आज के समय में कई प्रकार के बिमा पॉलिसी उपलब्ध है जिनमे से जीवन बिमा, स्वास्थय बिमा, सामान्य बिमा और टर्म बीमा की सुविधा देने वाली बहुत सी कम्पनियाँ भारत में मौजूद है। आइये बिमा प्रणाली के सभी पहलुओं को विस्तार से जानते है :-
बीमा क्या होता है ? (What is Insurance)
बीमा एक ऐसी सुरक्षा प्रणाली होती है जी किसी भी वित्तीय जोखिम को कम करती है। अन्य शब्दों में बीमा (Insurance), बीमाधारक यानि (the insured) और बीमा देने वाली कंपनी यानि (the insurer) के बीच लिखित अनुबंध होता है जिसमे बीमा कंपनी अपनी कुछ शर्तो के अनुसार बीमाधारक से प्रीमियम लेकर उसके वित्तीय जोखिम से सुरक्षा करती है। इसमें बीमा कंपनी एक बार में या समय के अनुसार बीमाधारक से बीमा पालिसी के लिए पैसे लेती है जिसे प्रीमियम कहा जाता है। इस प्रीमियम के बदले बीमा कंपनी बीमाधारक के भविष्य में होने वाली अनहोनी घटना से होने वाले वित्तीय जोखिम से सुरक्षा प्रदान करती है। एक बीमा कंपनी कई प्रकार की बीमा योजना प्रदान करती है जोकि निचे दी गई है :-
INSURANCE |
Insurance is a financial arrangement that provides protection against financial loss or risk. It involves a contract between an individual or entity (the insured) and an insurance company (the insurer). In this contract, the insured pays a regular fee, known as a premium, to the insurer. In return, the insurer agrees to provide financial compensation or support in case of specific events or losses covered by the policy.
बीमा कितने प्रकार का होता है ? (Types of Insurance)
एक बीमा कंपनी अलग अलग प्रकार के जोखिमों से सुरक्षा देने के लिए अलग अलग पालिसी के अनुसार किसी व्यक्ति का बिमा करती है जिसके कुछ प्रकार निचे दिए गए है :-
1.जीवन बीमा (Life Insurance):
जीवन बीमा उस व्यक्ति के जीवन की सुरक्षा करता है जिसके नाम पर बीमा लिया गया है। यदि बीमाधारक की मृत्यु हो जाती है, तो बीमा कंपनी द्वारा बीमाधाराक के प्रतिनिधि या उसके परिवार को बीमा की राशि का भुगतान करती है। जीवन बीमा कई तरह का होता है
>टर्म लाइफ इंश्योरेंस (Term Life Insurance):
यह बीमा एक व्यक्ति के जीवन की निश्चित समय अवधि के लिए बीमा कवर प्रदान करता है। यदि बीमाधारक के जीवन की अवधि समाप्त हो जाती है, तो बीमा अनुबंध स्वत ही समाप्त हो जाता है और बीमा की राशि बीमाधरक को दी जाती है, जैसे यदि महेश ने 30 वर्ष की उम्र में 60 साल तक का बीमा करवाया और 60 वर्ष का होने से पहले यदि महेश की मृत्यु हो जाती है तो बीमा कवर की राशि उसके परिवार को भुगतान कर दी जाएगी।
>लाइफटाइम इंश्योरेंस (Whole Life Insurance): यह जीवन बीमा पॉलिसी बीमाधारक को उसके पूरे जीवनकाल भर बीमा सुरक्षा प्रदान करता है और इसका मासिक, तिमाही, छह माही या वार्षिक आधार पर एक स्थिर प्रीमियम देना होता है।
2. स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance):
स्वास्थ्य बीमा एक व्यक्ति के स्वास्थ्य से संबंधित सभी दुर्घटनाओं जैसे सड़क दुर्घटना में चोट आना, गंभीर बीमारी लगना या अन्य कोई भी ऐसा खर्चा जो व्यक्ति को वित्तीय जोखिम में डाल सकता है, उसके लिए करवाया जाता है। यह बीमा पॉलिसी बीमाधारक के चिकित्सा खर्चों को कवर करता है। इसमें अस्पताल में भर्ती, चिकित्सा उपचार, दवाइयाँ, और अन्य स्वास्थ्य संबंधित खर्च शामिल हो सकते हैं। इसके प्रकार हैं:
3. संपत्ति बीमा (Property Insurance):
जब कोई व्यक्ति अपने संपत्ति के संबंध होने वाला जोखीमो से बचाव करना चाहता है तो वह संपति बीमा करवाता है, यह बीमा अधिकतर स्थायी संपत्ति पर किया जाता है। जिनमें घर, गाड़ियाँ, और व्यवसाय शामिल हैं।
होम इंश्योरेंस (Home Insurance): यह व्यक्ति के घर, गोदाम, दुकान, फैक्ट्री, शोरूम आदि के विभिन्न जोखिमों जैसे आग, चोरी, और प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा प्रदान करता है।
ऑटो इंश्योरेंस (Auto Insurance): यह वाहनों के सड़क दुर्घटना में हुए नुकसान की सुरक्षा करता है, जैसे दुर्घटनाओं, चोरी, और अन्य क्षति के खिलाफ। कुछ बीमा पॉलिसी में यदि एक्सीडेंट में व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो बीमा कंपनी वाहन चालक का भी बीमा करती है।
4. यात्रा बीमा (Travel Insurance)
यात्रा बीमा यात्रा के दौरान उत्पन्न होने वाली समस्याओं को कवर करता है, जैसे कि यात्रा रद्द करना, खोई हुई सामान, और चिकित्सा आपात स्थिति। जैसे यदि एक व्यापारी महंगा समान लेकर यात्रा करता है और यदि वह उस सामान का या अपनी यात्रा का बीमा करवा लेता है तो उसके साथ होने वाली किसी भी घटना के वित्तीय खर्च को बीमा कंपनी वाहन करती है।
5. दायित्व बीमा (Liability Insurance):
दायित्व बीमा किसी तीसरे पक्ष को हुई हानि या चोट के लिए कानूनी जिम्मेदारी को कवर करता है। इसमें व्यापारियों के लिए पेशेवर दायित्व बीमा और सामान्य दायित्व बीमा शामिल हैं। यह बीमा वाहन चालक के लिए भी होता है। यदि बीमाधारक के वाहन से किसी अन्य व्यक्ति के वाहन पर कोई वित्तीय खर्चा करना पड़े तो वह भी बीमाधारक की बीमा कंपनी ही वहन करेगी। जैसे यदि रोहन अपनी कर से सोनू का एक्सीडेंट कर देता है तो दायित्व बीमा के अनुसार सोनू द्वारा मांगे जाने वाले हर्जाने को बीमा कंपनी भुगतान करेंगी।
बीमा काम कैसे करता है। (How Insurance Works)
(Insurance Claim Process In Hindi)
जब भी बीमा कंपनी किसी व्यक्ति का बीमा करती है तब वह उस व्यक्ति के साथ बीमा का अनुबंध करती है जिसमें बीमा राशि से संबंधित शर्तें, बीमा धारक के बारे में जानकारी, बीमा जोखिमों के कवर की शर्तें तथा प्रीमियम के बारे में जानकारी लिखी होती है। उसके बाद बीमा कंपनी और बीमा धारक के बीच एक कॉन्ट्रैक्ट शुरू हो जाता है।
प्रीमियम का भुगतान :
जब किसी व्यक्ति का बीमा किया जाता है तब उसमें सबसे पहले वह व्यक्ति बीमा कंपनी को एक निश्चित प्रीमियम का भुगतान करता है। यह प्रीमियम बीमा की कुल राशि का कुछ प्रतिशत हिस्सा होता है जो बीमा धारा के द्वारा समय-समय पर भुगतान किया जाता है। जीवन बीमा तथा टर्म जीवन बीमा को छोड़कर अन्य सभी प्रकार के बीमा प्रिमियम का भुगतान एक बार में ही कर दिया जाता है । जैसे संपति बीमा, ट्रैवल बीमा, आदि, जबकि जीवन बीमा में प्रीमियम बीमा अवधि पूरी होने तक दिया जाता है।
बीमा कवर की शर्ते तथा नियम :
बीमा कंपनी और बीमाधारक के बीच जो अनुबंध बनाया जाता है उसमें बीमा की सभी शर्तें तथा नियम लिखित होते हैं। यदि बीमा पाने वाला व्यक्ति बीमा कवर की सभी शर्तों के योग्य पाया जाता है तो ही उसे बीमा दिया जाता है।
बीमा क्लेम करना :
जब बीमा धारक के साथ कोई ऐसी घटना घटित हो जाती है जिसका कवर बीमा अनुबंध में लिखित है तो वह व्यक्ति बीमा राशि के लिए दावा कर सकता है। इसके लिए बीमाधारक अपने नुकसान के कुछ प्रमाणों को लेकर एक दावा प्रपत्र तैयार करके बीमा कंपनी को बीमा राशि क्लेम देने के लिए कह सकता है।
क्लेम का निपटारा तथा बीमा राशि का भुगतान :
बीमा धारक द्वारा क्लेम का दावा प्रस्तुत करने के बाद बीमा कंपनी उस व्यक्ति के प्रपत्रों तथा कागजों की जांच करवाती है । यदि बीमा धारक द्वारा किया गया दावा सही निकलता है तो बीमा कम्पनी बीमाधारक या उसके प्रतिनिधि को बीमा की राशि का भुगतान कर देती है।
इस तरह इन सभी चरणों को पर करके बीमा कंपनी कार्य करती है। जो किसी भी व्यक्ति या उसके परिवार पर आने वाले वित्तीय संकटों का निवारण करती है। बीमा किसी व्यक्ति या संस्था के वित्तीय जोखिमों को कवर करता है तथा बेहतर प्रबंधन में भी सहायता करता है।
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