भद्रा देवी कौन है ? क्यों लगता है भद्रा काल ?
Bhadra Devi Kon hai : भगवान सूर्य और उनकी पत्नी छाया से शनि देव के बाद एक कन्या की उत्पत्ति होती है जिसका स्वरूप अत्यंत विचित्र और विकराल था। उस कन्या रंग गहरा काला, गधे का मुख और लम्बी पूछ थी, उसके केश घने काले लंबे और बड़े-बड़े दांत तथा तीन पैर थे।
शनि देव की बहन भद्रा का प्रभाव शनि देव की तरह ही कड़क माना जाता है। जन्म लेने के साथ ही भद्र ने सभी शुभ तथा मंगल कार्यों में विभिन्न डालना शुरू कर दिया था। भद्रा के कारण पूरे संसार का अशुभ तथा अमंगल होने लगा । यह देखकर सूर्य देव को अपनी पुत्री भद्रा की चिंता होने लगी जिसके निवारण के लिए वह स्वयं ब्रह्मदेव के पास गए और भद्रा के इस स्वभाव का निवारण करने के लिए प्रार्थना की।
Bhadra Kaal Kyo Lagta Hai : तब ब्रह्मदेव ने भद्रा से कहा की हे भद्रे" तुम किसी के भी मंगल कार्य में हमेशा विघ्न नहीं डाल सकती हो इसलिए मैं तुम्हें यह वरदान देता हूं कि किसी भी शुभ कार्य में तुम्हारे लिए एक विशेष समय निश्चित होगा, उस समय को भद्रा काल कहा जाएगा। यदि उस समय के अंतर्गत कोई भी मंगल या शुभ कार्य करेगा तो उसे तुम्हारा प्रकोप झेलना पड़ेगा। तब से लेकर अब तक यदि किसी भी शुभ कार्य में भद्रा काल का समय आ रहा है तो उस समय में कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए अन्यथा उसके परिणाम विपरीत होंगे।
रक्षाबंधन पर भद्रा काल 2024
Bhadra Kaal Raksha Bandhan 2024 : धर्म ग्रंथो के अनुसार माना जा रहा है कि इस वर्ष रक्षाबंधन पर भी भद्रा काल का साया रहेगा। रक्षाबंधन के दिन 19 अगस्त सोमवार को सुबह से लेकर दोपहर के 1:30 तक भद्रा काल का समय रहेगा इस समय में कोई भी बहन अपने भाई की कलाई पर रखी ना बढ़े इससे उनके भाई का अशुभ तथा मंगल हो सकता है। अतः दोपहर 1:30 बजे के बाद ही रक्षाबंधन का त्यौहार मनाये।
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