15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस: परिचय, महत्व, इतिहास | 15th August, Independence Day 2024 in Hindi

15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस: परिचय, महत्व, इतिहास | 15th August, Independence Day 2024 in Hindi

15th August, Independence Day 2024 in Hindi

15 अगस्त 2024 को स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 

स्वतंत्रता दिवस : परिचय :

भारत की आजादी का प्रतिक 15 अगस्त 2024 को स्वतंत्रता दिवस का 77 वां उत्सव  मनाया जाएगा। 15 अगस्त का यह दिन भारत के लिए  एक अत्यंत महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक दिन है, जिसे स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है। वर्ष 1947 में 15 अगस्त के दिन ही भारत को ब्रिटिश साम्राज्य के 200 वर्षो की गुलामी से स्वतंत्रता प्राप्त हुई थी। इस दिन को राष्ट्रीय गर्व और सम्मान के साथ मनाया जाता है और भारत के सभी वासियों के लिए एक विशेष महत्व रखता है। इस दिन सभी सरकारी विभागों की छुट्टी होती है। 


77th Independence Day 2024
77th Independence day 



स्वतंत्रता दिवस का महत्व:

स्वतंत्रता दिवस का महत्व केवल ऐतिहासिक नहीं है, बल्कि यह देश की स्वतंत्रता, एकता और अखंडता का प्रतीक भी है। यह दिन भारत के स्वतंत्रता संग्राम की भावना और बलिदान की याद दिलाता है, जब हजारों स्वतंत्रता सेनानियों ने देश की आज़ादी के लिए अपने जीवन की आहुति दी। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद, 15 अगस्त को हर भारतीय के दिल में गर्व और खुशी का संचार होता है, जो उन्हें अपनी मातृभूमि की स्वतंत्रता के प्रति जागरूक करता है।

स्वतंत्रता दिवस का इतिहास | भारत को स्वतंत्रता कैसे मिली ?

ब्रिटिश राज के अत्याचारों के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम का संघर्ष 1857 की पहली स्वतंत्रता संग्राम से शुरू हुआ  जिसे भारतीय विद्रोह या सिपाही विद्रोह भी कहा जाता है, इस संग्राम  भारतीय स्वतंत्रता की दिशा में पहला बड़ा कदम उठाया गया । हालांकि यह विद्रोह विफल रहा, लेकिन इसने भारतीयों में स्वतंत्रता की भावना को और भी अधिक प्रबल किया । इसके बाद, महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने अहिंसात्मक विरोध की नीति अपनाई और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा दी। महात्मा गांधी ने 1915 में दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटने के बाद भारतीय समाज को एकजुट करने और ब्रिटिश शासन के खिलाफ अहिंसात्मक आंदोलन चलाने की शुरुआत की। गांधी जी ने 'सत्याग्रह' के सिद्धांत को अपनाया और असहयोग आंदोलन, नमक सत्याग्रह और भारत छोड़ो आंदोलन जैसे कई प्रमुख आंदोलनों का नेतृत्व किया। इन आंदोलनों ने भारतीय जनमानस में स्वतंत्रता की लहर पैदा की और ब्रिटिश सरकार पर दबाव डाला।

द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान, ब्रिटिश सरकार ने भारत को युद्ध में शामिल होने के लिए मजबूर किया। इसके परिणामस्वरूप, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को और बल मिला। 'अंग्रेजों भारत छोड़ो' के आह्वान ने ब्रिटिश सरकार को यह अहसास कराया कि भारतीय जनता अब और अधिक इंतजार नहीं कर सकती। इस प्रकार, 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दबाव और संघर्ष के बाद, ब्रिटिश सरकार ने भारत को छोड़  देने का फैसला किया।

15 अगस्त 1947 को, भारत ने  स्वतंत्रता की पहली सुबह देखी। इस दिन, पंडित जवाहरलाल नेहरू ने दिल्ली के लाल किले पर भारतीय तिरंगा झंडा फहराया। इस ऐतिहासिक अवसर पर, नेहरू जी ने 'ट्रिस्ट विद डेस्टिनी' नामक भाषण दिया, जिसमें उन्होंने स्वतंत्रता की प्राप्ति को एक नए युग की शुरुआत के रूप में वर्णित किया। इस दिन को याद करते हुए, भारतीयों ने न केवल अपने संघर्ष और बलिदान की याद की, बल्कि एक नई उम्मीद और सामर्थ्य के साथ राष्ट्र निर्माण की दिशा में कदम बढ़ाया। स्वतंत्रता के बाद, भारत ने लोकतांत्रिक गणतंत्र की ओर अग्रसर होने का मार्ग अपनाया। स्वतंत्रता प्राप्ति के समय भारत की राजनीतिक और सामाजिक स्थिति बहुत चुनौतीपूर्ण थी, लेकिन देशवासियों की संकल्पशक्ति और एकता ने उसे आगे बढ़ाया। आज, 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है । 

15 अगस्त 1947 को भारत ने एक नए आजादी के के युग की शुरुआत की।  यह दिन भारत के  इतिहास में एक मील का पत्थर बन गया। जिसने एक स्वतंत्र राष्ट्र की नींव रखी और तब से लेकर आज 77 वर्षो में भारत ने अपनी कामयाबी और तरक्की की कई मिसालें पेश की है।

 भारत में स्वतंत्रता दिवस कैसे मनाया जाता है ?

15 अगस्त, स्वतंत्रता दिवस को भारत के सभी राज्यों में अलग अलग तरीको से मनाया जाता है। स्वतंत्रता दिवस के दिन सभी सरकारी तथा गैर सरकारी विभागों जैसे स्कूल, कॉलेज, बैंक, दफ्तर आदि सभी का अवकाश होता है। यह दिन उत्सव और गर्व से भरा होता है। इस विशेष पर्व को मानाने में  विभिन्न कार्यक्रम या  समारोह शामिल होते हैं:-

राष्ट्रीय ध्वज फहराना: 

इस दिन, देशभर में सरकारी और निजी भवनों पर तिरंगा झंडा फहराया जाता है। तथा दिल्ली के लाल किले के ऊपर जाकर स्वयं भारत के प्रधानमंत्री द्वारा भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है। उसके बाद वह स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देकर भाषण देते है। 

संगीत और सांस्कृतिक कार्यक्रम: 

स्कूलों, कॉलेजों और विभिन्न संस्थानों में देशभक्ति गीत, नृत्य, नाटक और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। ये सभी कार्यक्रम स्वतंत्रता संग्राम की कहानियों और भारतीय संस्कृति की झलक को दर्शाते हैं।

समारोह और भाषण:

 स्वतंत्रता सेनानियों के योगदान को सम्मानित करने के लिए विशेष समारोह आयोजित किए जाते हैं। प्रधानमंत्री और अन्य प्रमुख नेता इस अवसर पर भाषण देते हैं, जिसमें स्वतंत्रता की महत्ता और देश की प्रगति की दिशा पर चर्चा की जाती है।

परेड और झांकियाँ: 

विभिन्न शहरों में रंग-बिरंगे परेड और झांकियाँ निकाली जाती हैं, जो भारतीय संस्कृति, सैन्य शक्ति और विभिन्न सामाजिक पहलुओं को प्रदर्शित करती हैं। ये परेड देशवासियों को एकजुट करने और उनकी राष्ट्रभक्ति को प्रबल करने का कार्य करती हैं।

सरकारी और निजी क्षेत्रों में छुट्टी:

15 अगस्त को सरकारी दफ्तर, स्कूल और कॉलेज बंद रहते हैं। यहाँ तक की न्यूज़ चैनल भी इस दिन छुट्टी पर होते है जिस कारन 16 अगस्त को अख़बार भी प्रकाशित नहीं किया जाता है। लोग इस दिन को अपने परिवारों और मित्रों के साथ मिलकर मनाते हैं और स्वतंत्रता के महत्व को समझते हैं।

स्वतंत्रता दिवस केवल एक ऐतिहासिक दिन नहीं है, बल्कि यह भारतीय समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत भी है। यह दिन हमें अपनी स्वतंत्रता के लिए किए गए संघर्ष की याद दिलाता है और हमें अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों को निभाने के लिए प्रेरित करता है। 15 अगस्त को भारत का हर नागरिक गर्व के साथ अपने देश की स्वतंत्रता का उत्सव मनाता है और राष्ट्र की प्रगति की दिशा में एकजुट होकर काम करता है।

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