LEARNING DEFINATION, IMPORTANCE, TYPES OF LEARNING AND PROCESS OF LEARNING IN HINDI
अभिगम क्या है | सीखना क्या है
सीखना एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमे हम दुसरो को देखकर , सुनकर या महसूस करते है तथा उन सभी बातो से प्रभावित होते है तो वह सीखना कहलाता है। सीखना एक प्रक्रिया है जबकि इस प्रक्रिया में हम जो सीखते है उसे हम "सीख़" कहते है। सीखने का माध्यम केवल कोई व्यक्ति विशेष हो यह जरुरी नहीं होता क्योंकि एक व्यक्ति अपने आस पास के वतावरण तथा प्रकृति से भी सीखता रहता है। एक इंसान अपने जन्म से सीखना प्रारम्भ करता है तथा अपने मरने तक कुछ न कुछ सीखता ही रहता है
Definition - learning is the process to change our behavior and attitude, and increasing our knowledge about something.
LEARNING IN HINDI |
सिखने का महत्त्व
"सीखना " इस शब्द का हम सभी की जिंदगी से बहुत ही गहरा सम्बन्ध है क्योंकि हर इंसान अपने जन्म से लेकर मरण तक इस शब्द से प्रभावित रहता है। तो आइये हम इस शब्द का सही अर्थ समझने की कोशिश करते है।
अगर व्यव्हार में समझा जाए तो सिखने का मतलब केवल यह नहीं है की हमने किसी से कुछ सीखा और भूल गए इसे हम सीखना नहीं कहेंगे क्योंकी सीखने की प्रक्रिया तभी पूरी होती है जब सीखी गयी बात को अपने व्यव्हार में लाया जाये। उदाहरण के लिए - यदि एक व्यक्ति कोई भाषा सीखता है लेकिन वह सीखने के बाद उसका प्रयोग ही नहीं करता तो हम इसे सीखना नहीं मान सकते क्योंकि हम तब तक उसे सीखना नहीं मानेंगे जब तक वह व्यक्ति में सीखी गयी बात का प्रभाव ही न दिखे।
हम अपने जीवन में कई तरह की भिन्न भिन्न कार्यो तथा क्रियाओ को सीखते है जैसे ,पढ़ना, लिखना , बोलना , चलना ,खेलना ,समझना, इत्यादि। अपने जीवन में कुछ चीजे हम दुसरो को देखकर स्वतः ही सीख जाते है तथा कुछ बाते हमें किसी संस्थानों आदि में जाकर सीखनी पड़ती है।
सिखने की प्रक्रिया को प्रत्यक्ष तथा अप्रत्यक्ष रूप में समझा जा सकता है।
Process of learning
1. प्रत्यक्ष सीखना "DIRECT LEARNING " हम उसे कहते है जिसमे हम किसी शिक्षण संसथान जैसे ,स्कूल , कॉलेज ,या अन्य प्रकार के प्रशिक्षण संसथान में जाकर कुछ सीखते है। इसमें लगभग प्रत्येक व्यक्ति की सिखने की प्रक्रिया आती है क्योंकि हर इंसान कभी न कभी किसी प्रशिक्षण संसथान में शिक्षा लेने जरूर जाता है।
2. - प्रत्यक्ष रूप की ली गयी सीख के अतिरिक्त अन्य जो भी हम दुसरो को देखकर या सुनकर सीखते है वह अप्रत्यक्ष सीखना "INDIRECT LEARNING" कहलाता है।
यह किसी भी तरह संभव ही नहीं है की कोई इंसान अपने जन्म के बाद से अपने मरने तक के सफर में कुछ सीखा न हो क्योंकि सीखना एक सतत तथा व्यापक प्रक्रिया है जो हर इंसान के जीवन को कई तरह से प्रभावित करती है। हर व्यक्ति हर एक पल कुछ न कुछ सीखता ही रहता है लेकिन वह सीख अच्छी हो या बुरी यह तो जिससे हम सीख रहे है उस व्यक्ति , परिस्थिति या वातावरण पर निर्भर करता है।
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