बर्फ की चादर अंटार्कटिका महाद्वीप | Antarctica Continent in Hindi

अंटार्कटिका महाद्वीप का क्षेत्रफल, अंटार्कटिका पर मानव जीवन, अंटार्कटिका पर मौसम तथा तापमान, अंटार्कटिका पर मानव जीवन, सबसे अधिक बर्फ वाला महाद्वीप

सबसे रहस्यमयी महाद्वीप "अंटार्कटिका"

 हमारी पृथ्वी पर सात महाद्वीप है जिनमें से ऑस्ट्रेलिया से 2 गुना बड़ा तथा पांचवां सबसे बड़ा महाद्वीप अंटार्कटिका है। इस महाद्वीप का 98% हिस्सा 1 से लेकर 2 किलोमीटर तक की बर्फ की मोटी परत से ढका हुआ है।  हमारी पृथ्वी का आज  तक का सबसे कम तापमान है इसी महाद्वीप पर 1983 में रशियन रिसर्च स्टेशन माइनस 89.2 डिग्री सेंटीग्रेड रिकॉर्ड किया गया था। इस महाद्वीप को हमारी पृथ्वी का रेफ्रिजरेटर भी कहा जाता है क्योंकि यह सबसे ठंडा और  सबसे अधिक बर्फ वाला महाद्वीप है। तो आइये हम जानते है अंटार्कटिका महाद्वीप से जुड़े कुछ अनोखे तथ्य। 

अंटार्कटिका महाद्वीप
अंटार्कटिका

सबसे अधिक बर्फ वाला महाद्वीप   

  इस महाद्वीप पर जहाँ तक नजर जाए केवल बर्फ ही बर्फ देखने को मिलती है। यहाँ पर इतनी अधिक बर्फ मौजूद है कि अगर यह बर्फ पिघल जाए तो पूरी पृथ्वी के महासागरों का स्तर 70 मीटर तक ऊंचा उठ जाएगा। 2 किलोमीटर मोटी बर्फ की सतह के नीचे साफ पानी की बहुत सारे झील मौजूद हैं जिनमें अन्य कई तरह के जीवांश मिलने की संभावनाए है।

अंटार्कटिका पर मानव जीवन

अंटार्कटिका पर मानव जीवन  इस ठन्डे महाद्वीप पर मानव रहते अवश्य है लेकिन कोई भी व्यक्ति यहाँ का स्थायी निवासी नहीं है। जितने भी लोग इस द्वीप पर रहते है वे भिन्न भिन्न देशो से यहाँ रिसर्च तथा शोध करने के लिए ही आये है। इस महाद्वीप पर शोध करने के लिए कई देशो द्वारा अपने रिसर्च केंद्र स्थापित किये गए है। 

अंटार्कटिका किस गोलार्ध में स्थित है 

 अंटार्कटिका महाद्वीप पृथ्वी के दक्षिण ध्रुव पर स्थित है। यह महाद्वीप सबसे ठंडी , शुष्क तथा तथा तेज हवाओ वाली जगह है। जिसका तापमान हमेशा माइनस में ही रहता है।   

अंटार्कटिका का क्षेत्रफल कितना है   

यह महाद्वीप 140 लाख वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ  पृथ्वी का पांचवा सबसे बड़ा महाद्वीप है। यहाँ पर पृथ्वी का 90% प्रतिशत पानी बर्फ के रूप में मौजूद है। 

अंटार्कटिका पर जीवन  

इतनी बर्फीली तथा ठंडी जगह होने के बाद भी इस महाद्वीप पर जीवन है। यहाँ पर अति ठण्ड में जीवित रह सकने वाले केवल कुछ ही प्रजातियां मौजूद है। इस जगह पर सील ,तथा पेंगुइन तथा अन्य कई प्रजातियां रहती है। इस जगह पर सर्वाधिक पेंगुइन पाई जाती है। 

अमेरिका का न्यूक्लियर पावर स्टेशन  

इस महाद्वीप पर अमेरिका का न्यूक्लियर पावर स्टेशन भी सक्रीय है जोकि अमेरिका द्वारा 1962 को इस जगह पर स्थापित किया गया था। 

अंटार्कटिका पर मौसम तथा तापमान   

इस महाद्वीप का मौसम हमेशा ठंडा ही रहता है। हलाकि इस जगह पर सूर्य की रोशनी अधिक पड़ती है तथा बहुत तेज हवाएं भी चलती है। उसके बाद भी यह जगह अत्यधिक ठंडी है। इस जगह का सामान्य तापमान -10 डिग्री रहता है। 

खून जैसे रंग की नदी (THE BLOOD FALL )

अंटार्कटिका में एक और कुदरत का करिश्मा  टेलर नामक  ग्लेशियर है। इस ग्लेशियर से बहते एक झरने से खून की तरह लाल पानी बहता है। हालांकि, वैज्ञानिकों ने इस पर कई शोध किए, लेकिन कोई निश्चित नतीजा नहीं निकाल पाए। सदियों से इस झरने के पानी का रंग लाल है। जिस जगह यह झरना है, वहां का तापमान हमेशा माइनस में रहता है, लेकिन झरना फिर भी बहता रहता है। पहली बार साल 1911 में ऑस्‍ट्रेलिया के जियोलॉजिस्‍ट ग्रिफिथ टेलर ने यहां आने की हिम्‍मत की और उन्‍होंने देखा कि यहां तो खूनी वाटर फॉल गिर रहा है। उन्हें पहले लगा कि ये लाल रंग माइक्रोस्कोपिक लाल शैवल की वजह से है मगर साल 2003 में टेलर की शैवाल वाली थ्‍योरी को गलत साबित कर दिया गया।

अंटार्कटिका पर इंसानी सभ्यता 

कुछ  वैज्ञानिको का यह दावा है की इस जगह पर कभी बहुत ही विकसित मानव सभ्यता निवास करती थी। इनका मानना यह भी है की यह महाद्वीप हमेशा से ऐसा नहीं था। कई सालो पहले इस जगह पर हरियाली भी थी। ग्रीक दार्शनिक प्लूटो नमक एक व्यक्ति ने भी 2000 साल पहले अंटार्कटिका के मानव सभ्यता के विनाश होने का वृतांत लिखा है।  

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