भीम कुंड का रहस्य | रहस्यमई जल कुंड (भीम कुंड)

भीम कुंड का रहस्य | रहस्यमई जल कुंड (भीम कुंड)

BHEEM KUND SECRETS IN HINDI | HOW BHEEM KUND BUILT

भीम कुंड की गहराई, भीम कुंड निर्माण कैसे हुआ, भीम कुंड के जल की विशेषताएं  

इस पृथ्वी पर बहुत सी ऐसी जगह है जो रहस्यों  से भरी है जिनके  रहस्यों का खुलासा आज तक इंसान के द्वारा संभव नहीं हो पाया है। 21 वी शताब्दी जोकि आधुनिक विज्ञान से परिपूर्ण है वह भी इन रहस्यमई स्थानों के रहस्य को आज तक सुलझा  नहीं पाए हैं। इनमें से बहुत सी जगह पौराणिक इतिहास से जुड़ी हुई है तथा कुछ प्राकृतिक सौंदर्य को दर्शाते हैं। आज हम ऐसे ही एक रहस्यमई जल कुंड (भीम कुंड) के बारे में बात करेंगे जिसके रहस्य आज तक भी वैज्ञानिको के समझ से परे है। तो आइये जानते है भीम कुंड से जुड़े इतिहास तथा रहस्यों के बारे में... 

भीम कुंड
भीम कुंड 
 
 
 रहस्यमई जल कुंड "भीम कुंड"

मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में स्थित है भीमकुंड के निर्माण के सम्बन्ध में यह कथा प्रचलित है क‍ि महाभारत काल में जब पांडवो को 12 वर्ष का वनवास और एक वर्ष का अज्ञातवास दिया गया था।  वनवास के दौरान पांडवों एक वन से  गुजरते समय द्रोपदी को प्‍यास  लगती है । तब पांचों भाइयों ने आस-पास पानी तलाशा। लेक‍िन कहीं भी पानी का कोई स्रोत नहीं म‍िला। कथा के अनुसार धर्मराज युधिष्ठिर ने अपने छोटे भाई नकुल को  याद दिलाया  कि उसके पास यह क्षमता है कि वह पाताल की गहराई में स्थित जल का भी पता लगा सकता है। युधिष्ठिर  की यह बात सुनकर नकुल ने भूमि को स्पर्श करते हुए ध्यान लगाया। कुछ ही समय में नकुल को पता चल गया कि किस स्थान पर जल स्रोत है। लेक‍िन जल को प्राप्त कैसे किया जाए यह समस्या अभी भी उनके सामने थी।

क्यों कहा जाता है भीम कुंड 

जब काफी देर तक किसी को कोई समाधान नहीं मिला तो भीम ने अपनी गदा उठाई और जिस स्थान पर नकुल ने जल होने का पता लगाया था उस स्थान पर जाकर भूमि पर तेजी और बल के साथ दे मारी। गदा लगने से भूमि के अंदर एक विशाल गडढा बन गया और वहां पर जल दिखने लगा। लेकिन जल का स्तर बहुत निचे था इसलिए अर्जुन ने अपने धनुर्विद्या के बल पर तीरो की एक सीधी बना दी जिसके बाद उन्होंने जल प्राप्त किया। भीम की गदा के प्रहार से बनने के कारन इसे भीम कुंड कहा जाता है। 

आज भी रहस्य है "भीम कुंड की गहराई"

आज तक भी कोई वैज्ञानिक या शोधकर्ता यह पता नहीं लगा पाया है की भीम कुंड की गहराई कितनी है। भीम कुंड की गहराई का यह रहस्य आज तक भी अनसुलझा है जबकि आधुनिक विज्ञानं अपने चरम पर है फिर भी भीम कुंड के तल को खोज पाने में असमर्थ है। वैज्ञानिको का यह मानना है की शायद यह कुंड निचे से समुंद्र से जुड़ा हुआ है  क्योंकि इसकी 80 फ़ीट की गहराई में कई जल धाराए प्रवाहित है। 

कुंड के जल की  विशेषताए 

ऐसा मान्यता है की भीम कुंड के जल में कोई अलौकिक शक्ति है जिससे इसमें स्नान करने से गंभीर से गंभीर चर्म रोग भी ठीक हो जाते है। और इसके जल की केवल तीन बुँदे ही कितनी भी गहरी प्यास को मिटा सकती है। जब भी पृथ्वी के किसी भी भाग में जल प्रलय आना होता है तो उससे पहले ही इस जलकुंड का जल स्तर बढ़ने लगता है। इस कुंड का पानी हमेशा ताजा और स्वच्छ रहता है। इसका पानी कभी ख़राब या मैला नहीं होता है। 

और पढ़े ;-


एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ