पृथ्वी से जुड़े कुछ रोचक प्रश्न | Dharti ke bare me rochak jankari

पृथ्वी से जुड़े कुछ रोचक प्रश्न | Dharti ke bare me rochak jankari

 पृथ्वी पर जीवन संभव कैसे है । पृथ्वी पर जीवन होने के लिए आवश्यक घटक या कारक | पृथ्वी तथा सूर्य के बीच की दूरी |

पृथ्वी का रंग, | चाँद पृथ्वी पर क्यों नहीं गिरता, | एक ग्रह तथा उपग्रह में अंतर , | पृथ्वी तथा चाँद पर वजन में अंतर क्यों है।

पृथ्वी पर जीवन संभव कैसे है ।  

 अब तह ब्रह्माण्ड में केवल हमारी पृथ्वी ही ऐसा ग्रह है जिसपर जीवन व्याप्त है। ऐसा इसलिए है क्योंकि हमारे धरती पर किसी भी तरह के जीवन को पनपने के लिए पर्याप्त अनुकूल परिस्थतिया है। या हम यह भी कह सकते है धरती पर किसी भी जीव के जीवित रहने के लिए पर्याप्त कारक या घटक मौजूद है। 


पृथ्वी पर जीवन होने के लिए आवश्यक घटक या कारक। 

जीवन के लिए आवश्यक घटक :- जैसे जल ,वायु ,भोजन ,धुप , तापमान ,वनस्पति ,अनुकूल पर्यावरण तथा वातावरण आदि है। यह तो बात हमारी धरती की रही लेकिन अन्य किसी भी ग्रह पर जीवन पनपने के लिए जो सबसे अधिक आवश्यक है वह है ,ग्रह का वायुमंडल जिसमे ऑक्सीज़न भी होनी चाहिए ,जलमंडल ,जीवन अनुकूल तापमान जोकि एक जीव के लिए न तो बहुत अधिक हो और न ही बहुत कम। अतः हमारी पृथ्वी पर ये सभी प्राकृतिक संसाधन बहुतायत में मौजूद है। यही कारण है की हमारी पृथ्वी पर जीवन सभव ही नहीं बल्कि बहुत विकसित भी हो चूका है। 

 पृथ्वी पर सबसे अधिक पाया जाने वाला रंग ।

कुछ लोग अब भी पृथ्वी के रंग  या सबसे ज्यादा पाए जाने वाले रंग के बारे में अक्सर पूछते है। यदि देखा जाए तो हमारी पृथ्वी का रंग अंतरिक्ष से देखने पर नीला ही दिखाई देता है। और वैज्ञानिक दृष्टि से देखा जाए तो हमारी पृथ्वी को नीले ग्रह के नाम से जाना जाता है। हमारी धरती पर नीले रंग की अधिकता का कारण यह 70 प्रतिशत भाग में केवल जल ही जल है जोकि महासागरों के रूप में है। इस जल के नीले दिखाई देने की वजह से ही पृथ्वी को नीला ग्रह माना जाता है। इसलिए हम यह कह सकते है की पृथ्वी पर सबसे अधिक पाया जाने वाला रंग नीला है। 

पृथ्वी तथा सूर्य के बीच की दूरी ।

हमारी पृथ्वी सूर्य के गुरुत्वाकर्षण के कारण उसकी परिक्रमा करती है। जबकि सूर्य और पृथ्वी के बीच की दुरी लगभग 14,96,00,000 किलोमीटर या 92,900,000 मील है। इतनी अधिक दुरी पर होने के बावजूद भी हमारी धरती सूर्य के  गुरुत्वाकर्षण बल के कारण अपनी कक्षा में रहते हुए उसके चारो और घूमती है और सूर्य का प्रकाश तथा पर्याप्त ताप हम तक पहुँचता रहता है। 

चाँद पृथ्वी पर क्यों नहीं गिरता। 

चाँद हमारी पृथ्वी का एकमात्र उपग्रह है जो पृथ्वी की परिक्रमा करता रहता है।   हमारी पृथ्वी का  गुरुत्वाकर्षण बल  चाँद को अपनी तरफ खींचता है लेकिन चाँद की गतिज ऊर्जा के कारण इतना आकर्षण बल नहीं बन पता की पृथ्वी चाँद को अपनी तरफ खींच सके। यही वजह है की चाँद कभी भी पृथ्वी पर नहीं गिरता। यही नियम ब्रह्माण्ड के सभी ग्रहों तथा उपग्रहों पर लागु होता है। 

एक ग्रह तथा उपग्रह में अंतर।     

जैसा की आप जानते है की पृथ्वी एक ग्रह है। यदि ग्रह को परिभाषित कियाजाये तो यह पता चलता है की एक ग्रह धूल कणो ,गैसों ,आदि तत्त्वों से मिलकर बना एक ऐसा आकाशीय पिंड होता है जो एक तारे की परिक्रमा करता है। जबकि एक उपग्रह धूलकणों ,गैसों ,पानी आदि तत्वों से मिलकर बना वह आकाशीय पिंड होता है जो किसी ग्रह की परिक्रमा करता हो। देखा जाए तो एक उपग्रह अपने ग्रह से बहुत छोटा होता है।   
पृथ्वी तथा चाँद पर वजन में अंतर क्यों है। 
पृथ्वी के मुकाबले कोई भी चीज चाँद पर हलकी होती है इसका मुख्य कारण गुरुत्वाकर्षण बल होता। और क्योंकि चाँद का Gravity पृथ्वी से बहुत ही कम है इसलिए कोई वस्तु यदि पृथ्वी पर अधिक वजन की होती है तो निश्चित ही वह वस्तु चाँद पर वजन में हलकी हो जाएगी। यह केवल ग्रेविटी का चक्कर है। इसलिए जिस भी ग्रह या उपग्रह का गुरुत्वाकर्षण बल जितना अधिक होता है उसपर एक वस्तु का वजन अलग अलग होता है।    

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