What is communication | संचार क्या है

What is communication | संचार क्या है

संचार क्या है, संचार की प्रक्रिया , संचार के प्रकार , शाब्दिक संचार ,  अशाब्दिक संचार 

What is communication , Communication process  

संचार किसे कहते है। 

 संचार की सामान्य सी परिभाषा यह है की एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक अपने बात या विचारों को पहुँचाना संचार कहलाता है। जब एक व्यक्ति बोलकर या लिखकर अपनी बात को अन्य व्यक्ति तक पहुंचाता है तथा दूसरे व्यक्ति से उसकी प्रतिक्रिया प्राप्त करता है उसे ही संचार कहा जाता है। यदि एक व्यक्ति अपने विचारो को दूसरे व्यक्ति को भेजता है और यदि वह व्यक्ति उसकी प्रतिक्रिया नहीं देता तो यह संचार नहीं कहलाएगा। संचार सफल तभी माना जाता है जब सामने वाले व्यक्ति को आपकी बात समझ में आए जाए।  इसलिए यदि आपके द्वारा भेजा गया कोई सन्देश या विचार प्राप्तकर्ता को समझ नहीं आता तो यह संचार नहीं कहलाएगा। इसको संचार के सामान्य मॉडल से समझा जा सकता है। 

संचार की प्रक्रिया  | COMMUNICATION PROCESS

1. संदेश भेजने वाला "सेन्डर"

2.  जो भेजा जाएगा  "सन्देश "

3.  जिस वस्तु की सहायता से संदेश भेजना है "माध्यम "

4.  सन्देश प्राप्त करने वाला "प्राप्तकर्ता "

5.  भेजे गए सन्देश का जवाब " प्रतिपुष्टि या प्रतिक्रिया "

अतः इन पांच चरणों से होकर एक सामान्य संचार की प्रक्रिया पूरी होती है। जोकि सभी तरह के संचार के प्रकारो में उपयोगी साबित होती है।  

communication

संचार के प्रकार - TYPES OF COMMUNICATION   

1. शाब्दिक संचार  -VERBAL COMMUNICATION

2. अशाब्दिक संचार - NON VERBAL COMMUNICATION 

अपने विचारो तथा संदेशो को दूसरे व्यक्ति तक पहुँचाने के लिए कई अलग अलग तरीको को अपनाया जाता है जिन्हे हम संचार के प्रकार कह सकते है। 

 1. संचार के प्रकार"VERBAL COMMUNICATION  

 शाब्दिक संचार का सामान्य मतलब यह है की जिसमें संचार करने के लिए शब्दों  का प्रयोग किया जा सकता है। इसमें हम दो तरह से शब्दो का प्रयोग कर सकते है जैसे बोलकर तथा लिखकर। 

शाब्दिक संचार दो प्रकार का होता है। मौखिक संचार तथा लिखित संचार। 

>मौखिक संचार -ORAL COMMUNICATION 

से अभिप्राय यह है की जब हम मुँह से बोलकर अपने विचारो को दूसरे व्यक्ति तक पहुंचाते है। जैसे आमने सामने खड़े दो व्यक्ति या किसी मोबाइल फ़ोन पर बात करने वाले व्यक्ति इसका उदाहरण है।

> लिखित संचार - WRITTEN COMMUNICATION 

से अभिप्राय है की जब हम अपने विचारो को लिखकर प्रकट करते है तो वह लिखित संचार कहलाता है। जैसे किसी को खत लिखना ,या किसी औपचारिक संगठन में होने वाला संचार अधिकतर लिखित ही होता है।  

2. अशाब्दिक संचार "NON VERBAL COMMUNICATION

 जब हम बिना शब्दों का प्रयोग किया अपने बात को दुसरो के सामने रखते है  तो यह अशाब्दिक संचार कहलाता है।  इसमें निम्न को शामिल किया जाता है। 

> कायिक भाषा "BODY LANGUAGE " 

- इसमें एक इंसान की शरीर के भिन्न भिन्न अंगो के संकेतो के  द्वारा अपनी बात को समझाया जा सकता है जैसे ,हाथ हिलाना , सर हिलाना ,आँखों के द्वारा इशारे करना ,आदि शरीर के कई अंगो के द्वारा अपनी बात को समझा सकते है। 

> पार्शव भाषा "PARA LANGUAGE " 

- कई ऐसे इंसान भी होते है जो बोल नहीं सकते जैसे गूंगे ,बहरे लोग जो बोलकर या लिखकर अपनी बात नहीं बता सकते है ऐसे लोगो की अपनी एक अलग ही सांकेतिक भाषा होती है। 

 अतः संक्षेप में कहा जाए तो संचार एक ऐसा माध्यम है जिसके द्वारा हम अपने विचारों तथा संदेशो को एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तथा एक जगह से दूसरे जगह पर पहुंचा सकते है।         

                                                                 

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