हास्य एक कला :एक वरदान
LAUGHTER IS AN ART
इस संसार में मनुस्य ही ऐसा प्राणी है जो हंस सकता है। कुदरत ने ये अनोखी भेंट केवल हम इंसानो को ही दी है क्योंकि अन्य प्राणी हमारी तरह हंस नहीं सकते। अन्य प्राणी इंसानो के जैसे मुस्कुरा या हंस नहीं पाते। हंसी (LAUGHTER) का ये अनमोल तोहफा केवल प्रकृति से हमें ही प्राप्त है। मनुस्य आदिकाल से ही इस अनोखी विशेषता के साथ इस धरती पर उत्पन्न हुआ था और यह आज भी बरक़रार है।
IMPORTANCE OF LAUGHTER
किसी इंसान की जिंदगी में हास्य (LAUGHTER) का कितना महत्व होता है ये आपको बताने की जरुरत नहीं है। इंसान की हंसी में कुछ ऐसा जादू है की वह पल भर में ही आपके कितने भी ज्यादा ख़राब मुड को अच्छा बना सकता है तथा आपको गहरे से गहरे गम से बहार निकाल सकता है। जब भी आप बहुत उदास या तनाव में होते है तो आप अपने हास्य भाव के बिलकुल विपरीत भाव से ग्रसित होते है ऐसे में यदि कोई आपको हंसा दे तो आप पल भर में अपने गम को भूलकर मुस्कुराने लग जाते है और आपका तनाव पल में गायब हो जाता है। आपकी एक हंसी आपके गुस्से , नाराजगी , दुःख , तनाव आदि सभी नकारात्मक भावनाओं को ख़त्म करने या कम करने की क्षमता रखती है। यदि आप बीमार है तो ऐसे में जितना महत्व आप दवाइयों को देते है उतना ही महत्व हंसी को भी दीजिये क्योंकि हर डॉक्टर आपको यही सलाह देता है। laughter is the best medicine यह लाइन आपने भी अपनी जिंदगी में जरूर सुनी होगी।
हंसना (LAUGHTER) आपके व्यक्तित्व निर्माण में भी अहम् भूमिका निभाता है। लेकिन इंसान हमेशा के लिए नहीं हंस सकता। अगर कोई व्यक्ति हमेशा हँसता है तो अन्य लोग उसे पागल ही समझेंगे। इस का कारण यह है की कोई भी व्यक्ति खुद से नहीं हँसता उसे हंसने के लिए कोई हास्यप्रद बात या अवसर चाहिए होता है। बिना किसी बात के हंसने वाले को हम पागल या मंदबुद्धि ही समझते है। इंसान का हंसना केवल उसके मानसिक स्वस्थ्य के लिए नहीं अपितु उसके शारीरिक तंत्र के लिए भी उतना ही जरुरी है क्योंकि यह बात विज्ञानं भी मानता है की जो व्यक्ति ज्यादा हास्यपूर्ण जीवन जीता है वह मानसिक तथा शारीरिक तौर पर हमेशा स्वस्थ रहता है। और शायद आप जानते भी होंगे की हंसी की प्रक्रिया contagues होती है जिससे किसी भी हँसते हुए इंसान को देखकर अन्य भी हंसने लग जाते है।
WHY DO WE LAUGH
अब हमारे दिमाग में यह सवाल जरूर आता होगा की हम हँसते क्यों है। जब भी मनुस्य के अचानक या अनपेक्षित सकारात्मक वेदना जो मानसिक या शारीरिक हो की अनुभति करता है तो हास्य (LAUGHTER) का उत्पादन करता है। जैसे की आपके मन किसी व्यक्ति या बात के लिए कोई अवधारणा बन चुकी है और वो अचानक गलर हो जाए तो ऐसे में आपकी हंसी निकल जाती है। जैसे एक अधेड़ उम्र का व्यक्ति अचानक से गिर जाता है तो जाहिर है की हमें उसपर हंसी अवश्य आएगी क्योंकि हम जानते है की वह व्यक्ति चलना जनता हुए भी गिर पड़ा इसके विपरीत यदि कोई छोटा बच्चा गिर जाए जिसे अभी सही से चलने का ज्ञान नहीं है तो उसपर हमें हंसी (LAUGHTER)नहीं आएगी क्योंकि हम जानते है की वो बच्चा अभी चल नहीं सकता तो उसका गिरना साधारण बात है।
हम किस समय या किस बात पर कितना अधिक हँसते है या उस घटना के हास्याप्रद होने पर ही निर्भर करता है। कई बार कोई घटना इतनी तीव्र या अचानक होती है जिसपर हम बहुत अधिक समय तक हँसते रहते है और बाद में भी उस घटना को याद करके हँसते है। यदि आप हँसते बहुत कम है तो अन्य लोग आपके पास नहीं आना चाहेंगे। प्रायः लोग हंसमुख लोगो को ज्यादा पसंद करते है।
हमारी हंसी (LAUGHTER) एक सकारात्मक भावना होती है जो हमेशा हमें जिन्दा होने का एहसास दिलाती रहती है इसलिए हमेशा मुस्कुराते रहिये।
1 टिप्पणियाँ
its a great gift for us provided by nature
जवाब देंहटाएंhow can i help you