ANGER WHY WE DO-क्यों आता है हमें " क्रोध "

ANGER WHY WE DO-क्यों आता है हमें " क्रोध "

WHY WE DO HAVE ANGER
क्यों आता है हमें " क्रोध "


 क्या आपने कभी सोचा है की आपको गुस्सा (ANGER) क्यों आता है। आइये आज हम इसी बात पर चर्चा करते है की हमें क्रोध क्यों आता है। जब भी हम कुछ करते है या किसी बात की चाहत करते है तो यदि वह चीज हमें नहीं मिलती तो हमें गुस्सा आ ही जाता है या कोई हमारे काम में रूकावट बने या कोई हमें कुछ पाने से रोके तो हमें सामान्यतया साधारणतया हमें उस व्यक्ति या  परिस्थिति पर गुस्सा आता है।  


जब हमारा मन  किसी भी व्यक्ति ,काम या इच्छा की पूर्ति करना चाहता है तब अगर वह कामना पूरी नहीं हो पाए तो उस इच्छा के प्रति हमारी जो सकारात्मक ऊर्जा होती है वो कुंठित हो जाती है और तब हमरी यही कुंठित ऊर्जा हमारा क्रोध  (ANGER) बन जाती है।  हमारा गुस्सा अधिकतर किसी व्यक्ति के विरुद्ध होता है जिसने हमारी आकांक्षाओं को पूरा होने से रोक दिया हो या उसकी पूर्ण होने की  सम्भावना को नष्ट कर दिया हो।  

हम अपने क्रोध (ANGER) को रोक नहीं सकते क्योंकि हमारा गुस्सा हमारी इच्छाओ का तथा हमारी कामनाओ का एक बायोप्रोडक्ट होता है जोकि हमारी चाहतो के पूरा न होने पर उत्पन्न होता है। लेकिन हम अपने गुस्से को कम जरूर कर सकते है जैसे की हम कोई ऐसा काम कर सकते है जिससे गुस्सा रूपी बायोप्रोडक्ट उत्पन्न ही न हो। 

अपने गुस्से को कम करने के लिये हम कुछ और काम कर सकते है जैसे की , गाना गाकर , नाचकर , किसी अच्छे इंसान के साथ बात करना या कोई भी ऐसा काम करना जिससे हमारे दिल को ख़ुशी मिले। यदि हम ये काम कर सकते है तो  हम निश्चित रूप से अपने क्रोध (ANGER) पर काबू पा सकते है। 

गुस्सा  (ANGER) एक नकारात्मक भावना होती है जो हमारे व्यक्तित्व और व्यव्हार को बुरा दिखाती है। इसलिए हमे जिन वजहों से गुस्सा आता है उनको ही काम रखना चाहिए। जैसे की हम किसी भी  वस्तु की इतनी अधिक तीव्र इच्छा नहीं चाहिए की वह हमारा जीवन पर अधिक प्रभाव डाले। हमेशा ऐसे लक्षयों का चयन करे जिनके पूर्ण न होने पर भी अधिक दुःख न हो। इसलिए हमेशा खेलपूर्ण तथा हलके फुल्के इच्छाए ही रखे।

यह बताने की आवश्यकता नहीं है की आपका क्रोध  (ANGER) एक आग की तरह होता है जो अंदर ही अंदर आपके अच्छे विचारो को जलाता रहता है।  यदि आप किसी और पर क्रोधित होते है तो इसमें केवल आपका ही नुकसान होगा न की उसका जिसपर आप गुस्सा कर रहे है। और यदि हम अपने गुस्से के हमेशा दबाने की कोशिश करते है तो यह आपको एक मनोरोगी भी बना सकता है इसलिए हमेशा खुश रहिये अपने गुस्से पर काबू रखिये। हमेशा दुसरो से उम्मीदे कम  रखे ताकि आपकी किसी से उम्मीद टूटने पर आपको कम दुःख लगे या आपको कम गुस्सा आए। 
याद रखिये जब भी आपको गुस्सा  (ANGER) आए तो अपना ध्यान किसी दूसरी गतिविधियों पर लगाएं और देखेंगे की आपका मूड अच्छा हो जाएगा। इसलिए जब आपको क्रोध आए तो अपने किसी दोस्त या ऐसे व्यक्ति से बात करिये जिससे बात करके आपके मन को शांति मिलती है ,या आप कोई गीत गुनगुना सकते है या किसी कलात्मक कार्य को करके अपने मन को हलका करिये और हमेशा खुश रहिये। 
 

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