WHAT IS OUR RELIGION
धर्म क्या है।
धर्म एक विस्तृत अवधारणा है जोकि मानव को अन्य मानव समूह से अलग दर्शाती है। इस संसार में हर इंसान किसी न किसी धर्म से जुड़ा हुआ है।
एक मनुष्य का धर्म उसे सांस्कृतिक , व्यावहारिक , रूप से अलग दिखाता है। इस दुनिया में जितने भी धर्म सक्रिय है सबकी अलग अलग पहचान होती है।
मनुष्य के धर्म की पहचान उसके पहनावे , मान्यता ,ईश्वर में विश्वास , आदि से होती है। इस समय भी संसार में कई धर्म प्रचलन में है जिनकी विशेषताएं एक दूसरे से भिन्न है।
१. पहनावा - हर धर्म के लोगो का पहनावा तथा वेशभूषा अलग अलग होती है। सामान्तया पहनावा मुख्य रूप से धर्म को परिभाषित करता है। जब भी आप किसी इंसान का धर्म जानना चाहते है तो सबसे पहले उसके पहनावे पर धयान दीजिये आपको स्वतः ही पता चल जायेगा की वह व्यक्ति कोन से धर्म से सम्बन्ध रखता है।
२ . संस्कृति - सभी धर्मो को संस्कृति अन्य से भिन्न होती है। इसी वजह से हर धर्म के त्यौहार और उत्सव , सांस्कृतिक मूल्य। सांस्कृतिक भाषाएँ अलग अलग होती है। सभी धर्मो की परम्पराएँ , रीती -रिवाज़ भी एक भिन्न होती है।
३. ईश्वर में आस्था - हर धर्म के अनुयायी अपने धर्म के ईश्वर में विश्वास रखते है। हर अलग धर्म के लोगो द्वारा अपने ईश्वर की पहचान अलग बताई जाती है जिनको वह मानते है। हर धर्म के लोग अपने ईश्वर को सबसे श्रेष्ठ मानकर चलते है।
४. धर्म चिन्ह - हर धर्म का एक अलग निशान होता है। जो उनके धार्मिक झंडे पर होता है।
मनुष्य का धर्म उसे किसी तरह की आजादी या सीमाएं देता है जो उस धर्म के अनुयायी को प्रायः माननी पड़ती है। यदि कोई अपने धर्म की सीमाओं को लांघकर किसी प्रकार का कार्य करता है तो उसे अपने धर्म के लोगो की उपेक्षा का सामना करना पड़ता है। हर धर्म के अनुयायी अपने धर्म के प्रचार में लगे रहते है और हमेशा दुसरो को अपने धर्म से जोड़ने का प्रयास करते रहते है क्योंकि वह अपने धर्म को ही अन्य सभी धर्मो से अच्छा मानते है।
वैसे तो हर धर्म के लोग खुद को सर्वश्रेष्ठ मानते है किन्तु हमें यह नहीं भूलना चाहिए की सबसे बड़ा धर्म मानवता (इंसानियत ) होता है जिसे संसार के सभी मनुष्यो को मानना चाहिए।
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