EDUCATION : A COMPETITION | " शिक्षा " एक प्रतिस्पर्धा

EDUCATION : A COMPETITION | " शिक्षा " एक प्रतिस्पर्धा

EDUCATION :  A  COMPETITION

" शिक्षा " एक प्रतिस्पर्धा 

 आज का युग शिक्षा (EDUCATION) का युग है वर्तमान समय में शिक्षा का महत्व अन्य किसी भी क्षेत्र से ज्यादा है। शिक्षा के  बिना आज के समय में रोजगार पाना बहुत मुश्किल हो चूका है इसलिए हर व्यक्ति ज्यादा से ज्यादा शिक्षित होने पर जोर देता है। अशिक्षित होना एक अभिशाप के जैसा है। एक अशिक्षित व्यक्ति की तुलना में एक शिक्षित व्यक्ति को हमेशा अधिक महत्व दिया जाता है। 

यद्यपि शिक्षा (EDUCATION)का हर क्षेत्र में अपना अहम  स्थान तथा योगदान है फिर भी कुछ मामलो में शिक्षा कुछ व्यक्तियों तथा बच्चो के लिए चिंता का विषय बनकर   जाती है। हालाँकि शिक्षा का महत्व आज भी उतना ही है लेकिन कुछ लोग उसमे भी ज्यादा और कम देखने लगे है ,जैसे की कोई व्यक्ति किसी अन्य से कितना ज्यादा या कितना कम पढ़ा -लिखा है।  इसमें प्रायः शिक्षित लोगो के अंको को लेकर तुलनाएं की जाती है।  

शिक्षा (EDUCATION) के क्षेत्र में इतनी अधिक प्रतिस्पर्धा हो चुकी है की है व्यक्ति अधिक से अधिक अंक प्राप्त करने की होड़ में लगा रहता है। जिसमें वह अपने जीवन के बहुत ही मूल्यवान पहलुओं के साथ समझौता करता है। 

इस बढ़ती हुई प्रतिस्पर्धा का शिकार सबसे अधिक छोटे बच्चे होते है। प्रायः माता पिता भी अपने बच्चो को अधिक अंक लाने के लिए दबाव बनाते रहते है।  जिस वजह से वह अपने बचपन के खूबसूरत पलों के साथ समझौता करने पर मजबूर हो जाते है।  कई बार तो माता पिता की अधिक अंक लाने की जिद उनके बच्चो के बचपन को तबाह कर देती है ,जिससे बच्चे अपने माता पिता की इच्छा को पूरा न कर पाने की वजह से तनाव में चले जाते है।

कुछ बच्चे इतने कमजोर होते है की वे इस दबाव को सहन नहीं कर पाते और चिंता करने लगते है की यदि वे अपने माता की इच्छा पूरी नहीं कर पाए तो क्या होगा।  वे मासूम इस अंको की दौड़ में इतने थक जाते है की कुछ कमजोर दिल के बच्चे आत्महत्या करना ज्यादा अंक लाने से अधिक आसान समझ लेते है और अपनी शिक्षा की दौड़ में भागते भागते अपनी जिंदगी की दौड़ में हार जाते है।  


प्रतिस्पर्धा केवल यही समाप्त नहीं होती बल्कि रोजगार या अच्छी आजीविका पाने की दौड़ फिर शुरू हो जाती है। यहाँ भी अंको का कम ज्यादा का खेल शुरू हो जाता है। जिसको अच्छे अंक प्राप्त होते है उसे अच्छा रोजगार मिल ही जाता है लेकिन उनका क्या जो उतने ही शिक्षित है बस अंकों के कम होने के कारण उनकी उपेक्षा की जाती है। 

हलाकि शिक्षा (EDUCATION)आज के प्रतिस्पर्धात्मक समय में जरुरी है लेकिन हमें अपनी जीवन के खूबसूरत लम्हो को हमेशा ख़ुशी के जीना चाहिए। अपने बचपन के दिनों के साथ कोई समझौता नहीं करना चाहिए क्योंकि शिक्षा की कोई उम्र नहीं होती लेकिन जिंदगी का हर पल अनमोल होता है अतः इसे खुलकर जिएं। 


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