WHAT IS COMPROMISE IN HINDI | समझौता क्या होता है

WHAT IS COMPROMISE IN HINDI | समझौता क्या होता है

 

WHAT IS COMPROMISE IN HINDI | समझौता क्या होता है

आज हम जानेंगे की समझौता (COMPROMISE ) क्या होता है , जब भी हम किसी ऐसी परिस्थिति में फंस जाते है की हमें कई  विकल्पों का चयन करना होता है जोकि हमारे लिए सही न हो या जिससे  हमारी सभी मांगे पूरी न हो।  

दूसरे शब्दों में कहा जाए तो यह ऐसी स्थिति होती यही जब हमें न चाहते हुए भी किसी ऐसे विकल्प का चयन करना पड़े जोकि हमरे मन के अनुरूप नहीं हो। लोग प्रायः समझौता (COMPROMISE )इसलिए करते है ताकि उन्हें वर्तमान समय में किसी भी कार्य या फैसले के ऊपर अधिक समय न गवाना पड़े या वे किसी बात की अनिश्चितता को लेकर कोई ऐसा फैसला करने पर मजबूर हो जाते है जिसे हम समझौता कहते है। 

(COMPROMISE )

यह बात सही है की हर व्यक्ति अपने जीवन में कभी न कभी समझौता (COMPROMISE ) जरूर करता है चाहे वह उसके जीवन के किसी भी समय से जुड़ा हो। कहने का  मतलब यह है की आपके सामने वह स्थिति कभी भी आ सकती है की जब आपको समझौता करना पड़े।  जैसे स्कूल के दिनों में कुछ बच्चे अपने बचपन की खेलकूद ,मौज मस्ती के साथ समझौता करना पड़ जाता है या आपको कभी अपने करियर से जुडी किसी बात पर या अपने करियर और प्यार के बीच में समझौता करना पड़ सकता है।   

किसी परिस्थिति में या किस बात में समझौता (COMPROMISE ) करना है ये आपके प्रकृति या आपके हालत पर निर्भर करता है।  यदि आप एक स्वाभिमानी व्यक्ति है तो आप प्रायः समझौता करने में अधिक विश्वास नहीं करते। और  यदि आपके अंदर स्वाभिमान की कमी है तो निश्चित रूप से आप समझौता करने में हिचकिचाते नहीं है।  

समझौता (COMPROMISE ) विवेकात्मक भी हो  सकता है और भावनात्मक भी। कोई भी समझौता करने से पहले हमें ये निश्चित कर लेना चाहिए कीहमारे पास  यही एकमात्र विकल्प है जोकि हमें चुनना ही होगा अन्यथा हमें कभी समझौता नहीं करना चाहिए। प्रायः विवेकात्मक समझौता अपने जिंदगी की रोजगार , काम , पैसा ,शोहरत आदि से सम्बंधित मुश्किल फैसलों में करते है ताकि हमे अपने जीवन यापन में ज्यादा कठिनाइयां न उठानी पड़े। ऐसा फैसला हम तब करते है जब हम कोई भी जोखिम नहीं उठाना चाहते। 

यदि हम अपने भावनात्मक रिश्तो या अपनेपन में समझौता (COMPROMISE ) करना पड़े तो भी हम इसमें पीछे नहीं हटते। प्रायः ऐसा समझौता हम अपने टूटते हुए रिश्तो को जोड़ने या और मजबूत करने के लिए करते है। क्योकि यदि आपके रिश्तो में कोई दरार है तो आपको या आपके साथी में से किसी को तो झुकना ही पड़ेगा। 

हालाँकि एक समझौता (COMPROMISE ) आपको उस परिस्थिति के आगे कमजोर दिखाता है लेकिन यह जिंदगी की एक जरुरत बन चूका है। समझौता हम  प्रायः भविष्य में हो सकने वाले जोखिम से बचने के लिए करते है। वैसे देखा जाए तो समझौता करना हमेशा बुरा नहीं होता कुछ हालात ऐसे भी होते है की जिनमे समझौता (COMPROMISE ) ही सही चयन होता है।  


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